नोट

नोट जो बरसते मंदिरों के दानपेटियों में

कुछ छुट्टे मिल जाते 

जो कुछ ज़रूरतमंद का भला कर पाते

मंदिर का आँगन , दीवार , और आलीशान करने से पहले,

कुछ पैसे कुछ अच्छे काम आ जाते,

बाहर भूखे गरीब बच्चों को खाने के 

ठंड में उनको कम्बल के

उनके स्कूल में एडमिशन के

कुछ छुट्टे मिल जाते

भगवान के ही पैसों से 

उनपर भगवान कुछ कृपा कर पाते।


नोट जो खिसकते सरकारी मेज़ों के नीचे से

या पर्दों के पीछे से

कुछ छुट्टे बच जाते

सरकारी स्कूलों के कमरे बन जाते

एक कक्षा को एक शिक्षक और किताबें नसीब हो जाती

गरीब बच्चे भी कुछ ठीक से पढ़ पाते

कुछ छुट्टे बच जाते

वह पैसे सही जगह पहुँच पाते,

अस्पाताल कुछ साफ़ नज़र आते

दवाइयाँ कुछ सस्ती मिल जाती 

गरीब की जान को भी जान समझ पाते 

वह सरकारी अस्पताल भी सबका इलाज कर पाते ।


नोट जो गरजते हैं चुनाव से पहले

काश चुनाव के बाद बरस भी पाते

बारिश भी बरसने में भेदभाव नहीं करती

नदियाँ भी बहने में पक्षपात नहीं करती,

काश इसी तरह सरकार और सभी उपरवाले,

समानता से सबका भला कर पाते ।

War

Children dying,

Mothers crying,

Fathers leaving,

Orphans screaming,

Are you listening?

Are your hearts not chilling ?


Killing innocents ?

Lands full of bloodshed,

Tears flowing everywhere,

The war full of ignorance,

Not fair, 

Totally unfair!


Fights amongst the powers,

For whatever damn reason,

Not humane to do random bomb showers,

Humanity is to coexist and stay,

Not like animals,

Where predators just hunt and kill the prey.


The kings and the braves,

Come out to talk, resolve and save,

Work for the greater good and find a way,

The ones who come to only fire and fight,

Killing the innocents,

Just to prove themselves,

Are cowards,

Not humans, nowhere near the species’ pride.