पानी

 पानी महँगा हो रहा है

कोई बात नहीं, कुछ और पैसे देके आ जाएगा

पानी और महँगा हो रहा है

तो क्या हुआ

कुछ और ज़्यादा पैसे देके आ जाएगा

पानी कम हो रहा है

कोई नहीं

कहीं और से टैंकर आ जाएगा

तरीक़े जुगाड़ और पैसे से सब हो जाएगा

पर किसीने सोचा भी है, कि गरीब कहाँ जाएगा

कहाँ से और पैसे जुगाड़ या तरीक़े लाएगा

क्या वह प्यासा ही मर जाएगा

दूर दूर से पानी भर के पैदल लाते हैं जो रोज़ 

क्या वह अब भरी गर्मी में और दूर जा पाएगा 

या फिर कहीं पास से ख़राब पानी पीने को मजबूर हो जाएगा 

सब है उनमें, बूढ़े बच्चे महिलाएँ जवान , 

वह सब भी तो है बाक़ी सब जैसे इंसान

होते रहे गरीब बीमार, भूखे प्यासे लाचार, 

क्या ही कहें अब, ना ही छोड़ा इंसान ने नदी नालों झील समंदर को

डूबते जा रहें इन सब में जो इंसानी प्रगति के कचरे को

कब इस दुनिया में इंसानियत और प्रकृति का सम्मान हो पाएगा 


Summer is here, lets go to swimming class

Rivers, Lakes, Oceans sucking in all the bad mass

How ironic it is, 

The lakes smell dirty and pools are clean as glass

Hopefully, we become well aware soon

When we say, the summer is here

Lets save water, donate, take care of unprivileged 

Lets be trash conscious, and not pollute

The earth is for us, we are for the earth too!