Family : For the generations, from the generations

क्या खूब बनायी यह दुनिया कुदरत ने,
भाग्यशाली हैं हम इस जीवन के ,
जो दिया हमे इस प्यारे से परिवार ने,
सिखाया बड़ो को करना आदर ,
छोटों को करना खूब सारा स्नेह ,
हमेशा साथ देने का किया वादा,
चाहे कुछ भी हो अगर,
कभी कंधे ना ऊँचे करना अभिमान से ,
ना कभी सर झुकाना डर से,
सिखाया हमें आप सब ने,
कदम कदम चलना ,
पहला शब्द बोलना,
पहला अक्षर लिखना,
दुनिया के सारे शब्द भी ना कर पाए इस देन का मुकाबला ,
एक एक सीख आपकी,
जिससे हुई हमारी तरक्की,
है अनमोल इस प्यारे से जीवन को बनाने के लिए ,
दोस्तों को हम बताते बड़े गर्व से ,
अपने मम्मी पापा और आप सब की कहानियां,
की भर दी है आप सभी ने हमारे जीवन में खुशियां,
द्यन्य है तकदीर का,
जो जन्म लिया हमने इस प्यारे से परिवार में,
वादा है आप बड़ों से ,
हमेशा रहेगा गर्व अप्पको हम पे,
आप सबके अनुभव सिखाते हाँ बोहोत कुछ अच्छा ,
लेकिन यह समय की तेज़ रफ़्तार ,
यह पीढ़ियों के बीच का अंतराल,
है बड़ी ही उलझन,
न चाहते हम कोई भी अड़चन,
एक सोच है यह हमारी,
बस एक आशा है हमारी ,
की एक बात कह सके पुरे आदर के साथ ,
की अपने तरीके से जीना अपना जीवन ,
कभी ना करता है किसी का अनादर,
चाहे कोई भी हो निर्णय ,
करना होता इंसान को स्वयं से परिचय ,
नौकरी, पढाई , शादी, या सिर्फ एक साधारण सा दिन बिताने का तरीका ,
हो सकता है अलग अलग सबका ,
न कोई भी है गलत,
चाहे बड़े हो या छोटे ,
यह परिणाम बस अलग अलग समय के होते ,
बस खुश रहना चाहते हैं खुद से ,
ना चाहते हैं रखना कोई ख्वाहिश अधूरी ,
ताकि जी सके जिंदगी एक संतोष से पूरी,
ताकि भविष्य में ना ले शब्द काश,
ना अपने आप न किसी को दें दोष,
चाहे आगे हो कुछ भी ,
बस हो ज़िम्मेदारी स्वयं की,
कोशिश है करने की हर तमन्ना पूरी ,
स्वयं और अपने परिवार की ,
न कभी पीछे मुड़के देखना चाहते कोई राह अधूरी,
उड़ना चाहते ,दौड़ना चाहते,
लेकिन ना चाहते करना अनादर , न किसी को ठेस,
खुद के विचार रखना न हो गलत,
न झुकाएँ कोई शान,
बस कोशिश है बनने की एक अच्छा  इंसान,
जब तक खुश रहे यह अंतर मन,
खुशहाल रहे यह पूरा जीवन ,
हमेशा रहेंगे आपके दिशाएं और संस्कार हमारे साथ,
जो भी करे हम इस जीवन में,
बस चाहते हैं आप सभी का भरोसा और साथ |

बचपन : इतना प्यारा , इतना सुन्दर

कदम , इस दुनिया में जब रखा ,
ज़हन, इस शरीर का जाग उठा,
दुनिया ने कहलाया उसे बचपन,
सभी की खुशियों का था वह कारन,
मन में हंसना , मन में रोना ,
आता था उस बचपन को ,
सपनो में खुश होना,
अनजान होकर प्यारी सी नींद में,
एक सुन्दर सी मुस्कान से ,
बहलाता  सभी  के दिल को,
अनजान इस दुनिया की जंग से ,
अनजान  इस संसार के जीवन से,
वह बचपन , इतना प्यारा , इतना सुन्दर |

पूछता था सवाल इतने साफ़ दिल से ,
सवाल ऐसे के पूछ रहा हो कोई सितारा, दूर संसार से,
की कोई भी ना ढूंढ पाए वह जवाब,
लेकिन कोई मना भी ना कर पाए जवाब से,
हस्ते सब , उन सवालों पर,
लेकिन नाज़ करते उन  नादानियों पर,
सवाल पूछने की वह मासूम कला,
जो बचपन में होती अपार,
धीरे धीरे यह वास्तविकताएं , यह सीमाएं ,
ले जाती यह मासूमियत दूर दराज ,
दे जाती हमें अनुभव ,
पर भूल जाते हम देखा सीमाओं के पार,
वह बचपन , इतना प्यारा , इतना सुन्दर |

देता था जवाब इतने शुद्ध मन से ,
की कोई अनुभवी भी न समझ पाए,
सब रह जाते दांग,
इतनी नादान सोच देखकर,
वह बचपन , इतना प्यारा , इतना सुन्दर |

हँसता था, सभी को हंसाता था ,
रोता  था, पर कुछ ही देर में फिर हंसने लगता  ,
न कोई राग द्वेष ,
न कोई लालच, न कोई लालसाएं विशेष ,
इतना प्यारा था, इतना सुन्दर था,
वह साधारण मन, वह निराला बचपन ,
सभी को एक समान देखता ,
न कोई भेदभाव , न प्यार का कोई आभाव ,
न ऊंच नीच की समझ ,
न कोई डर , न कोई घमंड ,
इतना सुन्दर , इतना प्यारा था वह बचपन  |

काश वह बचपन , ढूंढ पाते हम फिर से,
इतने सालों के अनुभव, से मिल जाये अगर वह बचपन की नादानियाँ ,
तो भर जाएँगी हर जगह खुशियां,
काश हंस पाते हम बिना सोचे समझे ,
पूछ पाते वह सवाल फिर से,
ढूंढ पाते वह जवाब फिर से,
कर पाते प्यार सारे संसार से ,
बिना कुछ सोचे , बिना कुछ समझे,
एक ऐसा जीवन, जिसमें हो सभी के लिए  प्यार ,
खुशियों का ना हो आभाव ,
और न किसी  के लिए भेदभाव ,
आइये ढूंढे वह बचपन हम सभी में ,
जो बनाता है हमे एक सच्चा, साधारण , प्यारा सा इंसान ,
जो है  हमारे इस जीवन की मजबूत जड़ें ,
ढूंढ लिया जो हमने वह बचपन फिर से,
मिला दिया उसे हमने अपने अनुभवों से ,
भर जाएगी यह दुनिया खुशियों से ,
होगी सभी के चेहरों पर मुस्कान,
न होगा कोई दुखी, सभी लाएंगे एक दूसरे के लिए मुस्कान ,
इतना सुन्दर , इतना प्यारा था वह बचपन  |