प्रेरणा

सिखाया स्वामी विवेकानंद ने हम सभी को,
उठो , जागो , और तब तक ना रुको ,
जब तक लक्ष्य न प्राप्त हो जाये,
है यह सीख इतनी अनमोल,
जिसे याद करके हर मुश्किल आसान हो जाये,
हो जंग चाहे कितनी भी कठिन,
जब तक न हो मन में कोई भावना हीन,
कोई भी न रोक पाए जाने से लक्ष्य के करीब,
रखना विश्वास अटूट खुद पर,
करना कड़ी मेहनत इतनी की,
खुद की नज़रों में चढ़ जाओ तुम,
न रखना हथियार कभी नीचे,
बस साहस और कर्म में हो जाओ गुम,
है तुम्हारे पास ज़िन्दगी यह सिर्फ एक,
करने है तुम्हे अच्छे कर्म अनेक,
चढ़ जाओ वह पहाड़,
निकालो एक जुनूनी दहाड़,
कि थम जाए यह जहान,
छू जाओ आसमान,
कर सकते हो तुम,
वह मेहनत, वह सिँचाई
पा सकते हो तुम,
वह लक्ष्य, वह ऊँचाई,
होंगे पूरे वह सपने सारे,
रह गए हैं जो , अधूरे अंदर तुम्हारे,
लाओगे तुम इस दुनिया में बदलाव,
छोड़ोगे तुम इस संसार में अपनी अनोखी छाप,
बनोगे तुम, नन्हे बच्चों के आदर्श,
करोगे तुम सभी के अंतर्मन को स्पर्श,
बस रखना विश्वास स्वयँ पर,
खुद की सोच और कड़ी मेहनत पर,
और इस संसार, इस समय पर,
हो अगर यह विश्वास,
ज़रूर कर जाओगे तुम वह सब,
होगा तुमने जितना सोचा भी नहीं अपने लिए,
कर जाओगे तुम वह सब अपने, और इस संसार के लिए,
पा जाओगे , छू जाओगे तुम वह सब |

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